पालतू कुत्तों पर पार्वो वायरस का अटैक

मौसम बदलने से पालतू कुत्ते पार्वो वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी से कुत्तों की आंत में संक्रमण हो रहा है। बड़े जानवरों को इस वायरस से कोई खतरा नहीं, लेकिन छोटे जानवरों के लिए यह वायरस गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। समय पर इलाज नहीं मिलने से कुत्तों को खून की उल्टी हो रही है। राजकीय पशु अस्पताल में पार्वो वायरस के रोजाना 10 से 15 मामले आ रहे हैं। अब तक इस बीमारी की चपेट में आए तकरीबन 150 कुत्तों का उपचार किया जा चुका है।

मौसम बदलने से सिर्फ इंसान ही नहीं पालतू पशुओं की तबियत भी बिगड़ने लगी है। सबसे ज्यादा असर छोटे पालतू जानवरों पर पड़ रहा है। पशु चिकित्सकों की मानें तो फरवरी से मार्च के बीच मौसम बदलने से कुत्तों के लिए सबसे घातक पार्वो वायरस सक्रिय हो जाता है। जिनमें वैक्सीनेसन होता है, वह डॉग तो बीमारी से बच जाते है, लेकिन जिन कुत्तों का टीकाकरण नहीं कराया गया है, उनमें यह वायरस जल्दी अटैक करता है। पार्वो वायरस कुत्ते की आंत में अवरोध पैदा करता है। इससे आंतों में संक्रमण हो जाता है। जिस कारण कुत्ते को खूनी उल्टी-दस्त होने लगते हैं। पशु अस्पताल के डॉक्टरों की मानें तो कुत्ते के पिल्लों के लिए तो यह वायरस इतना घातक है कि डेढ़ से दो माह के पिल्लों की मौत तक हो जाती है।

पार्वो वायरस के उपचार

पार्वो वायरस के उपचार के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। बाजार में पार्वो वायरस के एक टीके की कीमत तकरीबन दो सौ रुपये है। फिलहाल राजकीय पशु चिकित्सालय में यह टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन बाजार में पशुओं की दवा बेचने वाले केमिस्ट के बाद टीका उपलब्ध है। वायरस से बचाव के लिए शुरूआत से ही कुत्तों का टीकाकरण बेहद जरूरी